आजकल फैटी लिवर एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन इसके लिए केवल मोटापा नहीं नहीं, बल्कि डायबिटीज, शराब, हार्मोनल असंतुलन समेत कई बातें जिम्मेदार हो सकती हैं. अगर समय पर जांच हो जाए, तो इस समस्या को ठीक किया जा सकता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि फैटी लिवर के क्या कारण हो सकते हैं. बदलती लाइफस्टाइल की वजह से फैटी लिवर लोगों के लिए एक बड़ी मुश्किल बन रहा है. ये बीमारी जहां पहले बड़े-बुजुर्गों में देखी जाती थी, तो वहीं अब ये बीमारी युवाओं और बच्चों को भी शिकार बना रही है. फैटी लिवर के शुरुआत में कोई खास लक्षण नहीं दिखते, लेकिन अगर समय रहते इलाज न मिले, तो सिरोसिस, लिवर फेलियर या लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. अक्सर लोग ये मान लेते हैं कि सिर्फ मोटापा ही फैटी लिवर की मुख्य वजह है, लेकिन वास्तव में और भी कई ऐसी बातें हैं, तो फैटी लिवर के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं सबसे पहले कि फैटी लिवर क्या होता है और यह कैसे होता है. साथ ही इसके कारण क्या होते हैं.

फैटी लिवर क्या है?
लेडी हर्डिंगें हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर एलएस घोटकर बताते हैं कि जब लिवर की कोशिकाओं में सामान्य से अधिक फैट जमा हो जाता है. तो ये फैट लिवर के सामान्य कामकाज में मुश्किल पैदा करने लगता है. साथ ही कुछ समय बाद लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसी स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं. इसमें मरीज के पेट में दर्द, भूख की कमी, शरीर में थकान और कमजोरी जैसे कई लक्षण दिखने लगते हैं. अगर किसी भी मरीज को पेट के दाहिने हिस्से में दर्द हो या भूख की कमी हो तो उसे सतर्क हो जाना चाहिए.

डायबिटीज
अक्सर टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों में फैटी लिवर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. क्योंकि ब्लड शुगर पर कंट्रोल नहीं होने से लिवर की कोशिकाओं में सूजन और फैट जमा हो सकता है. ऐसे में बेहतर होगा कि टाइप-2 डायबिटीज के मरीज डॉक्टर की सलाह से अपनी दवाएं समय पर लेते रहें, ताकि उनकी शुगर कंट्रोल में रहे.

ज्यादा शराब
ज्यादा शराब अक्सर लिवर की कोशिकाओं को सीधे नुकसान पहुंचाती है, जिससे लिवर में फैट जमा हो सकता है. और लंबे समय तक शराब पीने से लिवर सिरोसिस और कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.

ज्यादा चटपटा भोजन
अक्सर लोग स्वाद के चक्कर में ज्यादा तेल वाला या मसालेदार फास्ट फूड खा लेते हैं. जिससे इनमें मौजूद फैट लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है.

थायरॉयड और हार्मोन संबंधी समस्याएं
थायरॉयड से संबंधित गड़बड़ी भी फैटी लिवर की एक बड़ी वजह हो सकती है. क्योंकि इससे शरीर की प्रक्रियाएं प्रभावित होती हैं. और लिवर में फैट जमा हो सकता है.

दवाओं के साइड इफेक्ट
स्टेरॉयड, एस्पिरिन, कीमोथेरेपी, कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसी दवाओं के साइड इफेक्ट्स की वजह से भी लिवर में फैट जमा हो सकता है. लिहाजा अगर इन्हें लेना है, तो किसी डॉक्टर की सलाह से ही लें.

पारिवारिक इतिहास
यदि किसी शख्स के परिवार में किसी को फैटी लिवर की समस्या रही है, तो उसमें भी लिवर के फैटी हो जाने का खतरा काफी बढ़ जाता है.

प्रेग्नेंसी
कभी-कभी प्रेग्नेंसी के अंतिम महीनों में फैटी लिवर की समस्या हो सकती है.

शारीरिक गतिविधि की कमी
केवल तला भुना खाना खाने से ही नहीं, बल्कि व्यायाम या शारीरिक गतिविधियों की कमी की वजह से भी खाने के पाचन पर असर होता है. इससे भी फैटी लिवर की शिकायत हो सकती है.