दही न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है, बल्कि यह सबसे हेल्दी फूड्स में से एक भी है। यही वजह है कि हर भारतीय घर में खाने में आपको दही जरूर दिख जाएगा। वैसे तो आजकल बाजारों में कई तरह के दही उपलब्ध हैं, लेकिन घर के बने दही की बात ही कुछ और होती है। घर पर दही जमाना किसी कला से कम नहीं है। दही जमाने के लिए मिट्टी के बर्तन का उपयोग करना एक प्राचीन प्रथा है, हालांकि, आज के जमाने में दही के लिए स्टील या फिर कांच के बर्तन का उपयोग ज्यादा होता है, लेकिन इसके लिए मिट्टी के बर्तन का उपयोग ज्यादा बेहतर माना जाता है। इससे न सिर्फ दही गाढ़ा जमेगा बल्कि स्वाद भी बढ़ जाएगा। विज्ञान में भी यह साबित हो चुका है कि मिट्टी के बर्तन में दही को स्टोर करने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं। तो आइए जानें इन फायदों के बारे में:

प्रोबायोटिक्स

आम बर्तन की तुलना दही को अगर मिट्टी के बर्तन में जमाया जाता है, तो इससे इसमें प्रोबायोटिक्स की उच्च सांद्रता हो जाती है। प्रोबायोटिक्स ऐसे लाभकारी बैक्टीरिया हैं, जो पाचन में मदद करते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ावा देते हैं। 

दही का स्वाद बेहतर हो जाता है

मिट्टी के बर्तन में दही को जमाने से इसमें से मिट्टी का भी एक अलग तरह का स्वाद आता है, जो किसी अन्य बर्तन में जमाने से नहीं मिलेगा। दही में मिट्टी का स्वाद काफी हल्का होता है, जो इसके असल जायके को बदलता नहीं है, बल्कि और बेहतर बनाता है।

खनिज से भरपूर

मिट्टी के बर्तन प्राकृतिक मिट्टी से बने होते हैं, जिनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे खनिज पदार्थ होते हैं। यह खनिज पदार्थ दही को पोषण से भर देते हैं।

दही गाढ़ा जमता है

जब आप दही को मिट्टी के बर्तन तैयार करते हैं, तो यह अक्सर गाढ़ा बनता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मिट्टी के पॉट्स सुराखदार होते हैं, पानी को अच्छी तरह से सोख लेते हैं।

ऐल्कलाइन पदार्थ

आमतौर पर डेयरी प्रोडक्ट्स एसीडिक होते हैं। हालांकि, जब दही को मिट्टी के पॉट में जमाया जाता है, तो इससे इसमें ऐल्कलाइन पदार्थ मिल जाते हैं, जो एसीडिटी को संतुलित करते हैं।